Ganga Gauri Degree College, Ramnagar, Baijabaari, Azamgarh
आजमगढ़ जनपद के उत्तरांचल में रामनगर (कुकरौछी) नाम का एक गाँव है, जिसमे बैस ठाकुरों का निवास है। यही से इस जनपद का देवारांचल प्रारम्भ होता है। इसमे ठाकुर गंगा सिंह नाम के एक विख्यात जमींदार थे, उनके पुत्र गौरी सिंह के वर्तमान वंशज सर्वश्री गजेन्द्र सिंह, डाँ० शैलेन्द्र सिह, बालकृष्ण सिंह, अशोक सिंह, बालमुकुन्द सिंह, संजय सिंह, बालमिक सिंह कृषि कार्य के अतिरिक्त विविध प्रकार की सामाजिक सांस्कृतिक सेवाओं में संलग्न है। श्री गजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में परिवार संयुक्त परिवार की मान्यताओं को निर्वाह करते हुए प्रतिष्ठा पूर्वक जीवन यापन कर रहा है। श्री गजेन्द्र सिंह मुंबई में अपने अन्य भाइयों के साथ फ़िल्मी उद्योग के विविध आयामों में कार्यरत तथा विख्यात है। डाँ० शैलेन्द्र सिंह होमियो पैथिक के अनुभवी डाक्टर है, जो क्षेत्र के चिकित्सकीय सेवा में कार्यरत है। श्री गजेन्द्र सिंह तथा परिवार ने अनुभव किया कि क्षेत्र में अच्छी उच्च शिक्षा का आभाव है। इसकी पूर्ति के लिए विज्ञान और कला संकाय के महाविद्यालय की स्थापना का संकल्प लिया गया। इसके लिए इसी ग्राम में भूमि की व्यवस्था की गयी। गाटा सं० 2 क्षे. 0.1130, गाटा सं० 3 क्षे० 1.2380 तथा गाटा सं० 10 क्षे० 0.7740 कुल मिलाकर 3 गाटों का क्षे० 2.1250 हे० भूमि सुलभ हो गयी जो एक ही स्थान पर है। संस्था स्थापना के लिए "श्री गंगा गौरी स्मृति संस्थान" समिति का पंजीकरण कराया गया जो सोसाइटी के रजिस्ट्रार के प्रमाण पत्र संख्या 222/2004-05 दिनांक 29.06.2004 पर पंजीकृत हुआ।
उत्तर प्रदेश शासन के आदेश सं० 1556/70-6-2006-2(16)2006 दिनांक 05.02.2006 द्वारा विज्ञान संकाय में गणित, भौतिक, रसायन, जन्तु विज्ञान एवं वनस्पति विज्ञान में स्नातक स्तर के कालेज की स्थापना हेतु अनापत्ति प्राप्त हुई। परवर्ति शासनादेश संख्या 1283/70-6-2007-2(16)2006 दिनांक 06.07.2007 द्वारा कला संकाय में हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी, समाजशात्र, प्राचीन इतिहास, भूगोल तथा गृहविज्ञान में स्नातक स्तर की सम्बद्धता हेतु अनापत्ति प्रदान की गयी। प्राभूत भवन, पुस्तकालय, प्रयोगशाला तथा शिक्षोपकरण आदि की व्यवस्था से संतुष्ट होकर विश्वविद्यालय ने कला संकाय में स्नातक स्तर की सम्बद्धता हेतु उत्तर प्रदेश शासन को संस्तुत पूर्वक प्रस्ताव भेजा।
उत्तर प्रदेश शासन ने आदेश संख्या 3510/70-6-2007-2(16)2006 दिनांक 13.09.2007 द्वारा कला संकाय में बी० ए० की सम्बद्धता प्रदान की। परिणाम स्वरुप सत्र 2007-08 में बी० ए० प्रथम वर्ष का शुभारम्भ हो गया। इस सत्र में बी० ए० भाग एक, दो तथा तीन में छात्र/छात्रायें अध्ययनरत है।
Those who are with a carrier mind this is an opportunity to enter this noble professions.
It is unique because, there is an element of service to the humanity coupled with achievement and orientation to a noble profession.